IPL Auction's Latest Rule Change ने मचाई हलचल, फ्रेंचाइजीज ने BCCI को दर्ज करवाई शिकायत: Report
IPL की फ्रेंचाइजीज 2025 के मेगा ऑक्शन से पहले RTM (Right to Match) नियम में किए गए बदलावों से खुश नहीं हैं। BCCI द्वारा RTM नियम की वापसी ने आगामी ऑक्शन के लिए फ्रेंचाइजीज के बीच बहस छेड़ दी है। RTM का इस्तेमाल पहले भी नीलामी में हुआ था, जिसमें फ्रेंचाइजी को किसी खिलाड़ी के लिए की गई सबसे ऊंची बोली को मैच करने का मौका मिलता था ताकि वे उस खिलाड़ी को रिटेन कर सकें। इसका उद्देश्य था टीमों को अपने मुख्य खिलाड़ियों को बनाए रखने का मौका देना, साथ ही उन्हें बाजार मूल्य पर खरीदना सुनिश्चित करना।
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क्या है नया बदलाव?
BCCI के नए रिटेंशन नियमों के अनुसार, नीलामी में सबसे ऊंची बोली लगाने वाली टीम को अब अपनी बोली बढ़ाने का अतिरिक्त अवसर मिलेगा, उसके बाद ही RTM कार्ड रखने वाली टीम अपने अधिकार का उपयोग कर सकेगी। इस बदलाव से खिलाड़ी की अंतिम बोली मनमाने तरीके से बढ़ाई जा सकती है, जिससे उच्चतम प्रारंभिक बोली लगाने वाली टीम को महत्वपूर्ण लाभ मिलता है।
उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए Team 1 के पास किसी खिलाड़ी का RTM है और Team 2 ने 6 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। इसके बाद Team 1 से पूछा जाएगा कि वे अपने RTM का उपयोग करना चाहते हैं या नहीं। यदि Team 1 सहमत होती है, तो Team 2 को अपनी बोली बढ़ाने का अवसर दिया जाएगा – मान लीजिए 8 करोड़ रुपये – जिसे Team 1 को मैच करना होगा यदि वे खिलाड़ी को रिटेन करना चाहते हैं।
RTM के उद्देश्य को कमजोर करता है बदलाव
Cricbuzz की एक रिपोर्ट के अनुसार, फ्रेंचाइजीज का तर्क है कि इस बदलाव से शक्ति संतुलन बिगड़ता है और RTM के मूल उद्देश्य को कमजोर करता है। RTM का असली मकसद था खिलाड़ी को बाजार द्वारा निर्धारित मूल्य पर सुरक्षित करना, लेकिन नई प्रक्रिया से अंतिम बोली में मनमानी वृद्धि संभव है, जिससे RTM रखने वाली टीमों के लिए प्रतिस्पर्धा करना कठिन हो जाता है।
कई फ्रेंचाइजीज का मानना है कि इससे अमीर टीमों को फायदा होगा और ऑक्शन की प्रक्रिया में असंतुलन पैदा होगा। कुछ टीमों ने BCCI के पास औपचारिक शिकायतें दर्ज करवाई हैं, यह कहते हुए कि यह नियम उन्हें दंडित करता है क्योंकि उन्हें खिलाड़ियों के वास्तविक बाजार मूल्य से अधिक बोली को मैच करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
संतुलित ऑक्शन के लक्ष्य को नुकसान?
इसके अलावा, फ्रेंचाइजीज ने यह भी संकेत दिया है कि यह नियम BCCI के संतुलित ऑक्शन के व्यापक लक्ष्य को हानि पहुंचा सकता है। पहले ही BCCI ने रिटेंशन फीस को काफी ऊंचा रखा है – चौथे और पांचवें स्थान के खिलाड़ियों के लिए क्रमशः 18 करोड़ और 14 करोड़ रुपये – ताकि टीमों को ज्यादा से ज्यादा टॉप खिलाड़ियों को रिटेन करने से रोका जा सके।
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